बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान
प्रश्न- भग्नाशा (कुंठा) को परिभाषित कीजिए। भग्नाशा के प्रमुख कारणों की चर्चा कीजिए।
अथवा
भग्नाशा का क्या अर्थ है? भग्नाशा उत्पन्न करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भग्नाशा का अर्थ एवं परिभाषा
व्यक्ति की अनेक इच्छाएँ और आवश्यकतायें होती हैं। वह उनको सन्तुष्ट करने का प्रयास करता है पर यह आवश्यक नहीं है कि वह ऐसा करने में सफल ही हो। उसके मार्ग में कई बाधायें आ सकती हैं। ये बाधायें उसकी आशाओं को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से भंग कर सकती हैं। ऐसी दशा में वह 'भग्नाशा' का अनुभव करता है।
प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक दिन छोटी व बड़ी कठिनाइयों का सामना करता है। उसमें से ज्यादातर को वह हल कर लेता है लेकिन कभी उसके सामने ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है जो उसे उसके लक्ष्य तक पहुँचने से रोकती है। वह अपनी लक्ष्य प्राप्ति में पूरी कोशिश लगा देता है और सफल हो जाता है तब उसे सुख का अनुभव होता है। लेकिन जब वह प्रत्यनों के बावजूद भी इन बाधाओं को दूर नहीं कर पाता है और लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाता है तो उसे दुःख व निराशा होती है। वह निराश हो जाता है और इस निराशा को ही मनोवैज्ञानिक भाषा में भग्नाशा या कुंठा कहा जाता है अर्थात् भग्नाशा तनाव और असमायोजन की वह दशा है, जो हमारी किसी इच्छा या आवश्यकता के मार्ग में बाधा आने से उत्पन्न होती है।
गुड के अनुसार - "भग्नाशा का अर्थ है किसी इच्छा या आवश्यकता में बाधा पड़ने से उत्पन्न होने वाला संवेगात्मक तनाव।"
कोलेसनिक - “भग्नाशा उस आवश्यकता की पूर्ति या लक्ष्य की प्राप्ति में अवरुद्ध होने या निष्फल होने की भावना है, जिसे व्यक्ति महत्वपूर्ण समझता है।”
भग्नाशा के कारण
गेट्स एवं अन्य के अनुसार, भग्नाशा के कारण इस प्रकार हैं -
1. भौतिक वातावरण - व्यक्ति की भोजन सम्बन्धी अनेक आवश्यकताएँ होती हैं पर भौतिक वातावरण उनकी पूर्ति में बाधा उपस्थित कर सकता है। बाढ़, अकाल या भूचाल के कारण फसल नष्ट हो सकती है। फलस्वरूप, व्यक्ति में भग्नाशा की उत्पत्ति स्वाभाविक है।
2. सामाजिक वातावरण - समाज का सदस्य होने के कारण व्यक्ति को सामाजिक वातावरण का अनुकूलन करना पड़ता है। उसे समाज के नियमों, आदर्शों, परम्पराओं और मान्यताओं के विरूद्ध आचरण करने का अधिकार नहीं होता है। स्वतन्त्रता के आधुनिक युग में इस प्रकार के प्रतिबन्ध उनको भग्नाशा का शिकार बना देते हैं।
3. आर्थिक कठिनाई - आर्थिक कठिनाई व्यक्ति की इच्छाओं और आवश्यकताओं के मार्ग में प्रबल अवरोध उत्पन्न करती है। धनाभाव के कारण व्यक्ति को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अतः वह भग्नाशा की चरम सीमा पर पहुँचकर समाज के विरुद्ध विद्रोह करता है।
4. अन्य व्यक्ति - व्यक्ति की कुछ इच्छाओं में दूसरे व्यक्ति बाधा उत्पन्न करते हैं। बच्चे मेला, तमाशा या सिनेमा देखने जाना चाहते हैं, पर उनको अपने माता-पिता की आज्ञा नहीं मिलती है। मिल का मजदूर अधिक मजदूरी चाहता है, पर मालिक उसे अधिक मजदूरी देने के बजाए निकाल देता है। बच्चों और मजदूर की इच्छाएँ अवरोध के कारण पूर्ण नहीं हो पाती हैं। अतः वे अपने को भग्नाशा की दशा में पाते हैं।
5. शारीरिक दोष - व्यक्ति के शारीरिक दोष उसकी अभिलाषाओं पर व्रज प्रहार करते हैं। शारीरिक दोष के कारण बालक खेलकूद में भाग नहीं ले सकता है। सुनने की क्षमता न रखने वाला बालक संगीत नहीं सुन सकता है। नेत्रहीन बालक प्रकृति के सौंदर्य को नहीं देख सकता है। इस प्रकार शरीर के दोष व्यक्ति की आवश्यकताओं को अपूर्ण रखकर उसे भग्नाशा के वातावरण में जीवन व्यतीत करने को मजबूर कर देते हैं।
6. विरोधी इच्छाएँ यदि व्यक्ति की दो विरोधी इच्छाओं में केवल एक पूर्ण होती है। एक नवयुवक विवाह भी करना चाहता है और विदेश जाकर उच्च अध्ययन भी करना चाहता है। एक नवयुवती नौकरी भी करना चाहती है और अपने भ्रमण करने वाले पति के साथ रहना भी चाहती है। ये दोनों अपनी एक ही अभिलाषा पूर्ण कर सकते हैं। अतः दूसरी इच्छा उनमें भग्नाशा उत्पन्न कर सकती है।
7. विरोधी उद्देश्य - व्यक्ति अपने दो विरोधी उद्देश्य में केवल एक को ही प्राप्त कर सकता है। अतः वह केवल एक का चयन करता है और दूसरी इच्छा को त्याग देता है। अतः यह समिति भग्नाशा का कारण बनती है।
8. नैतिक आदर्श - व्यक्ति के नैतिक आदर्श उसकी अभिलाषाओं में अवरोध उत्पन्न करते हैं। ऐसी दशा व्यक्ति में भग्नाशा उत्पन्न करने का कारण बनती है।
भग्नाशा या कुंठा का मनुष्य के व्यक्तित्व तथा जीवन व्यवहार पर बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति के विकास में भग्नाशा अनेक बाधाएँ उत्पन्न करती है। व्यक्ति की भावात्मक दशा अस्थिर हो जाती है, असंतुलन बढ़ने से व्यवहार अस्थिर हो जाता है, असामान्यता प्रकट होती है, असामाजिकता विकसित होने लगती है। मानसिक तनाव बढ़ते हैं और व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य विकृत होने लगता है।
ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि भग्नाशा के कारणों की खोज की जाए तथा उन्हें दूर करके व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ बनाया जाए।
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- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ बताइये एवं इसकी प्रकृति को संक्षेप में स्पष्ट कीजिये !
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- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान की भूमिका या महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- 'शिक्षा मनोविज्ञान का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता क्या है?
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान की विकासात्मक विधि को समझाइये तथा इस विधि की विशेषताओं एवं सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक सिद्धान्त व शैक्षिक प्रक्रिया के लिये शैक्षिक मनोविज्ञान का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- मनोविज्ञान की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- व्यवहारवाद की प्रमुख विशेषताएँ बताइए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारवाद सम्प्रदाय का क्या योगदान है?
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- प्रश्न- प्रकार्यवाद क्या है? उल्लेख कीजिए। प्रकार्यवाद का सिद्धान्त बताइए।
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- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की कुछ महत्त्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करता है कैसे?
- प्रश्न- मनोविज्ञान में व्यवहारवाद की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहारवाद क्या है? इसका शैक्षिक महत्व बताइये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान के सम्प्रदाय का अर्थ तथा प्रकार का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संरचनावाद का शिक्षा में क्या योगदान है?
- प्रश्न- अधिगम के अर्थ एवं प्रकृति की विवेचना कीजिए। अधिगम एवं परिपक्वता के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- अधिगम की प्रकृति समझाइये।
- प्रश्न- परिपक्वता और सीखने में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन-से हैं? उन्हें स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले अध्यापक से सम्बन्धित कारक कौन-से हैं?
- प्रश्न- विषय से सम्बन्धित अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम के वातावरण सम्बन्धी कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'अनुबन्धन' से क्या अभिप्राय है? पावलॉव और स्किनर के सीखने के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियंत्रित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
- प्रश्न- प्रानुकूलित अनुक्रिया से आप क्या समझते हैं? इस सिद्धान्त का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- स्किनर द्वारा सीखने के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित अधिगम के विभिन्न नियमों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- थार्नडाइक के उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गेस्टाल्ट का समग्राकृति अथवा अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त क्या है?
- प्रश्न- स्किनर के सक्रिय अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धान्त के शिक्षा में प्रयोग को समझाइये |
- प्रश्न- थार्नडाइक के सम्बन्धवाद अथवा प्रयास व त्रुटि के सिद्धान्त के द्वारा अधिगम को समझाइये |
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण क्या है? अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण की दशाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अधिगमान्तरण के विभिन्न सिद्धान्तों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर अभिप्रेरणा का अर्थ स्पष्ट करते हुए अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं? उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- 'प्रेरणा' के सम्प्रत्यय का वर्णन कीजिए। छात्रों को अभिप्रेरित करने के लिए आप किन तकनीकों या विधियों का प्रयोग करेंगे?
- प्रश्न- अभिप्रेरणा क्या है? अभिप्रेरणा एवं व्यक्तित्व किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है? अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल प्रवृत्ति सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त को समझाइये |
- प्रश्न- शैक्षिक दृष्टि से अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर बुद्धि का अर्थ स्पष्ट करते हुये बुद्धि की प्रकृति या स्वरूप तथा उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि की प्रकृति एवं स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि की विशेषताओं को समझाइये |
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षा के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं? वैयक्तिक व सामूहिक बुद्धि परीक्षा की तुलना कीजिये।
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शाब्दिक व अशाब्दिक तथा उपलब्धि परीक्षण को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- वाचिक अथवा अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण से क्या अभिप्राय है? उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- स्टैनफोर्ड बिने मानदण्ड क्या है?
- प्रश्न- बर्ट द्वारा संशोधित बुद्धि परीक्षण को बताइये।
- प्रश्न- अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षण कौन से हैं?
- प्रश्न- अवाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण के विभिन्न उपयोगों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- आई. क्यू. (I.Q.) से क्या तात्पर्य है? यह कैसे नापा जाता है? क्या आई. क्यू. स्थायी होता है? बुद्धि कहाँ तक पितृगत होती है? अपने उत्तर के समर्थन में प्रयोगात्मक प्रमाणों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- क्या आई. क्यू. (बुद्धिलब्धि) स्थायी होती है?
- प्रश्न- बुद्धि कहाँ तक पितृगत (वंशानुगत) होती है?
- प्रश्न- बुद्धि के स्वरूप व प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि-लब्धि क्या है?
- प्रश्न- बुद्धि की पहचान किन तथ्यों के माध्यम से की जा सकती है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों एवं प्रकारों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता होने के क्या-क्या कारण हैं?
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता मापने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता और शिक्षा में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- व्यक्तिगत विभिन्नता का शिक्षा में क्या महत्व है?
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता से आप क्या समझते है? शिक्षा में इसके महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नताओं के मापन पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता का मापन व्यक्तित्व परीक्षा द्वारा कैसे किया जाता है?
- प्रश्न- परीक्षण के बाद व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइए।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइये।
- प्रश्न- वैयक्तिक भिन्नता पर आधारित शिक्षण प्रविधियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- डेक्रोली शिक्षण योजना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कॉन्ट्रेक्ट शिक्षण योजना तथा प्रोजेक्ट शिक्षण योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- डाल्टन योजना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निष्पत्ति लब्धि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा-लब्धि पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निष्पत्ति परीक्षण की शैक्षिक उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख प्रकारों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- थार्नडाइक ने व्यक्तित्व को कितने भागों में विभाजित किया है?
- प्रश्न- स्प्रैगर के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- युंग द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व का निर्धारण करने वाले जैविक एवं वातावरणजन्य कारकों का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख गुणों (विशेषताओं) या शीलगुण सिद्धान्त का विस्तार का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के निर्धारण में वंशानुक्रम तथा पर्यावरण की भूमिका बताइए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व निर्धारण में विद्यालय कैसे प्रभाव डालता है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- फ्रायड के सिद्धान्त के प्रमुख तत्व बताइये।
- प्रश्न- फ्रायड द्वारा बताई गई रक्षा युक्तियों को समझाइये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित युंग के सिद्धान्त को बताइये।
- प्रश्न- युंग के अनुसार व्यक्तित्त्व का वर्गीकरण कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व मापन के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्ति की किशोरावस्था या प्रौढ़ावस्था में उसके मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार संरक्षित किया जा सकता है?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था में मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से संरक्षित किया जायेगा?
- प्रश्न- कौन-कौन से कारक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा नामे रखने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व से आप क्या समझते हैं? इसके क्या कारण हैं?
- प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व के स्रोत बताइए।
- प्रश्न- समायोजन से क्या आशय है? विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के कारण बताइये।
- प्रश्न- समायोजन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के लिए कौन-कौन से कारण उत्तरदायी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बचाव (समायोजन) क्या है? प्रमुख बचाव (समायोजन) यंत्रीकरणों को उदाहरण सहित प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- 'संघर्ष' को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- भग्नाशा (कुंठा) को परिभाषित कीजिए। भग्नाशा के प्रमुख कारणों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- दुश्चिंता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- समायोजन स्थापित करने की विभिन्न तकनीकों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- तनाव प्रबन्धन क्या है?
- प्रश्न- समायोजन विधि को संक्षेप में समझाइये।